मुझे आजाद पंछी बनकर जीना पसंद है, मैं एक आजाद इंसान हूं, मेरी आत्मा आजाद है, मैं यहां प्यार पाने के लिए, प्यार देने के लिए हूं। Hrithik Roshan
आत्मसंयम क्या है ? आंखो को दुनिया की चीज़ों की, ओर आकर्षित न होने देना, और बाहरी तत्वों को खुद, से दूर रखना | Adi Shankaracharya
मोह से भरा हुआ इंसान एक सपने कि तरह हैं, यह तब तक ही सच लगता है, जब तक वह अज्ञान की नींद में सो रहे होते है, जब उनकी नींद खुलती है, तो इसकी कोई सत्ता नही रह जाती है | Adi Shankaracharya
तीर्थ करने के लिए किसी, जगह जाने की जरूरत नहीं है, सबसे बड़ा और अच्छा तीर्थ, आपका अपना मन है, जिसे विशिष्ट रूप से शुद्ध, किया गया हो | Adi Shankaracharya
हर व्यक्ति को यह ज्ञान होना चाहिए, कि आत्मा एक राज़ा के समान होती है, जो शरीर इन्द्रियों मन बुद्धि, से बिल्कुल अलग होती है, आत्मा इन सबका साक्षी स्वरुप है | Adi Shankaracharya
इस मिट्टी में कुछ अनूठा है , जो कई बाधाओं के बावजूद, हमेशा महान आत्माओं का , निवास रहा है I Sardar Patel